BSNL 5G:
19 अक्टूबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने लखनऊ से बीएसएनएल मोबाइल सेवा की शुरुआत की.अगले दिन बीएसएनल ने जोधपुर में सेवा की शुरुआत की जहां अनुपम श्रीवास्तव बीएसएनएल के जनरल मैनेजर के पद पर थे.
BSNL 5G Story
BSNL का अनोखा दौर..
BSNL की शुरुआत हुई थी अक्टूबर 2000, इसका परपज था सिर्फ देश के कोने-कोने तक संचार माध्यम पहुंचाना। निजी कंपनियां वह पहले सिर्फ शहर तक ही सीमित थी बेल्ट BSNL एक सरकारी कंपनी होने के नाते वह गांव व दूर दराज इलाकों तक को फैली थी। बीएसएनल का प्रॉफिट से कोई लेना-देना नहीं था उसका काम था दूर दराज इलाकों तक संचार माध्यम फैलाना बल्कि निजी कंपनियां अपना फायदा देखकर वह शहर में ही काम कर रही थी।
BSNL बाकी की तुलना में सबसे कम रेट पर दे रही थी उसके बावजूद पहले साल ही बहुत ज्यादा प्रॉफिट किया। 2001 से लेकर 2008 तक एक भी बार बीएसएनल घाटे में नहीं गई। जब निजी ऑपरेटरों ने बीएसएनएल के लॉन्च के महीनों पहले मोबाइल सेवाएं शुरू कर दी थीं लेकिन बीएसएनएल की सेवाएं इतनी लोकप्रिय हुईं कि बीएसएनएल के ‘सेलवन’ ब्रैड की मांग ज़बर्दस्त तरीक़े से बढ़ गई.अधिकारी गर्व से बताते हैं कि “लॉन्च के कुछ महीनों के बाद ही बीएसएनल देश की नंबर वन मोबाइल सेवा बन गई थी.”
बल्कि 8 सालों में 46000 करोड़ का प्रॉफिट कमाए। बीएसएनल दूध देने वाली गाय थी सरकार के लिए उसे समय। 2004-05 में इसने 10000 करोड़ का प्रॉफिट सिर्फ एक साल में ही किया।
यह बात उसे समय की है जब एयरटेल वोडाफोन का नामो निशान नहीं था।
क्यों टूटी BSNL की कमर ?
बीएसएनएल के घाटे में जाने के थे सिर्फ चार कारण:-
1– 2007 के समय टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन ने बीएसएनएल के अधिकारियों के माध्यम से अपने घर में 323 हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन लगवा रखे थे। इसके चलते इनसे सीबीआई पूछताछ भी हो रही थी। उसे बीएसएनएल की लाइन से यह अपने प्राइवेट नेटवर्क SUN TV NETWORK जो कि इनका खुद का था उसकी सप्लाई दे रहे थे। इसके बाद इन्होंने रिजाइन कर दिया जब यह बात सामने आई।
2– उनके रिजाइन के बाद इन्हीं की पार्टी के A. RAJA संचार मंत्री बनाए गए। उसे समय बीएसएनएल 2G स्पेक्ट्रम लाने के लिए प्लान कर रहा था फिर अचानक से उसमें हो गया 1.76 लाख करोड़ का घोटाला। इससे बीएसएनएल के बुरे दिन शुरू हो गए। तब से बीएसएनएल ने आज तक मुनाफे की शक्ल नहीं देखी।
3– इन सब घोटाले के बाद सीबीआई ने बड़े-बड़े टेंडर छोड़कर बीएसएनएल के छोटे-छोटे टेंडर पर भी जांच शुरू कर दी। उसे जांच में भी गड़बड़ियां निकली। उसमें पता चला कि ऐसी ऐसी कंपनियां टेंडर भर रही हैं जिनका नाम पता कुछ मालूम ही नहीं ,उन कंपनियों को पास कर दिया जा रहा है बाकी नोकिया जैसी कंपनियों को रिजेक्ट कर दिया जाता था। उधर दूसरी तरफ निजी कंपनियां अपना व्यापार बढ़ा रही थी और इधर बीएसएनएल के सीबीआई ने पैर बांध दिए थे।
4– आखरी सबसे बड़ा कारण था बीएसएनल का कठोर व्यवहार क्योंकि यहां के सारे कर्मचारी सरकारी थे तो इनमें अलग ही अकड़ थी और दूसरी तरफ निजी कंपनी यहां के कर्मचारी एक फोन में सीधा घर पर आ जाते थे। बीएसएनएल की सर्विस इतनी बेकार थी कि किसी भी काम में महीना लग जाते थे।
मार्केट में JIO की एंट्री…
बीएसएनल की इतनी खराब सर्विस और इसके इतने घोटाले होने के बाद मार्केट में JIO अपने कदम रख दिया। इसने सबको फ्री में इंटरनेट देना चालू कर दिया और 3G की बजाय 4G की सुविधा उपलब्ध कराई इससे ग्राहकों का मन बीएसएनएल की तरफ से हटकर जिओ की तरफ चला गया, क्योंकि उस समय बीएसएनल सिर्फ 2G तक ही सीमित था।
क्यों जरूरी है BSNL का होना…
निजी कंपनियां जिस तरह से अपने रिचार्ज के दाम मनमाने तौर पर बढ़ा रहे हैं, इसका सिर्फ एक ही कारण है क्योंकि उनके सामने खड़ा होने वाला कोई कंपटीशन नहीं है। Jio ,Airtel, Vodafone यह तीन कंपनियां 90% बाजार अपने पास लेकर बैठे हैं यह जो चाहे रेट बढ़ा सकते हैं । उनके मन में कोई डर नहीं है क्योंकि जनता के पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है इन तीनों में से किसी और को चुनने का। अगर BSNL 5G मार्केट में हो तो जैसे ही यह रेट बढ़ाएंगे वैसे ही जानता बीएसएनएल की तरफ चली जाएगी। इसके डर से उनके रेट कम हो जाएंगे। इसलिए इनको डराने के लिए BSNL 5G का खड़ा होना जरूरी है।
BSNL के वापस आने के चार प्रमुख कारण: BSNL 5G
1- बीएसएनल को सरकार का साथ है, इसे डुबाया चाहे किसी ने भी किया हो लेकिन सरकार इसका साथ दे रही है क्योंकि मोदी सरकार की निगरानी में अगर बंद हो गया तो जनता माफ नहीं करेगी। इसलिए मोदी जी पिछले 5-6 सालों में 3 लाख करोड़ से ज्यादा का फंड बीएसएनएल के फिर से पुनरुद्धार के लिए दे चुके हैं।
2- दूसरा सबसे बड़ा कारण है टाटा। क्योंकि बीएसएनल का ठेका टाटा ग्रुप के मालिक रतन टाटा की कंपनी TCS को दिया गया है। 15000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट टीसीएस को मिला है, TCS का यह वादा है की 2025 तक BSNL 5G आ जाएगा। इसलिए टाटा के ऊपर भरोसा है कि यह कर देंगे।
3- तीसरा बड़ा कारण है बीएसएनएल के कर्मचारियों का व्यवहार जो शायद पहले कठोर था, जिसकी वजह से उन्हें कंपनी से बाहर निकाल दिया गया था। तो कंपनी से बाहर निकले जाने के डर से अब शायद वह वैसा व्यवहार नहीं करेंगे।
4- आखिरी सबसे बड़ा कारण है कि भारी कीमतों में रिचार्ज के बढ़े दामों की वजह से पब्लिक JIO के विरोध में आ गई है। जिओ के प्रति जनता का गुस्सा होने की वजह से वह BSNL की तरफ मुख मोड़ रहे हैं इसलिए बीएसएनल के आने के चांस बहुत ज्यादा है। अगर BSNL 5G एक बार आ गया तो एक ही बार में पूरा मार्केट शेयर खींच ले जाएगा। बाकी निजी कंपनियों के मुकाबले बीएसएनएल के रिचार्ज प्लान भी बहुत सस्ते हैं।